Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana - An Overview
डर से बचने से कई तरह की मुश्किलें आती हैं और आपकी गतिविधियों के प्रदर्शन में बाधा आती है।
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मानसिक रोग किसी को भी हो सकता है, अगर मानसिक रोगी अच्छी तरह अपना इलाज करवाए, नियमित रूप से ध्यान और योग करे, तो वह ठीक हो सकता है। वह एक अच्छी और खुशहाल जिंदगी जी सकता है।
रिश्ते का तनाव जिंदगी को न लील जाए, इसलिए जरूरी है इससे बाहर आने के उपाय जानना
दिन ब दिन आपकी घबराहट बढती ही जा रही है तो ऐसे दिन बिताने में क्या फायदा है.
जब आप विचारों को खुद से जोड़ना छोड़ देते हैं तब आप यह जान जाएंगे किसी भी विचार में आपको विचलित कर देने लायक भी शक्ति नहीं होती है। यहां नेगेटिव विचारों को अवसर की तरह देखे, जब भी निगेटिव विचार आए तो तुरंत सकारात्मक विचार से उन्हें बदलते रहें और इसकी आदत बना ले, आप देखेंगे बुरे और नेगेटिव विचार धीरे-धीरे कम होने लगे हैं
यदि कोई जानता है कि उसे किस बात से सबसे अधिक (भय) यानी डर लगता है तो उसके लिए डर को खत्म करना बहुत सारल हो जाता है। दरअसल डर एक प्रतिक्रिया है जो हमारी मनोदशा के रूप में सामने आता है जिसे हम तब महसूस करते हैं जब हमारी मनोदशा में किसी खतरे का अंदेशा होने लगता है
अपने एक फ्रेंड से उसके डॉग को रोककर या पकड़े रहने का कहें, उस दौरान तब तक उसे टच करें या सहलाएँ, जब तक कि आपका डर खत्म न हो जाए।
हम आपको डर दूर करने के तरीके बताएँगे, पर चलिए पहले जानते हैं की डर क्या होता है, क्यों होता है और कितने प्रकार का होता है?
स्ट्रेस से उबरने का आपका अपना क्विक फॉर्मूला क्या है?
क्योंकि डर सिर्फ एक Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana दिन में दूर नहीं होता, कुछ वक़्त तो आपको देना ही होगा. तो चलिए जानते हैं डर को कैसे ख़त्म करें? इसके लिए आपको क्या क्या करना होगा?
आप जो परिणाम चाहते हैं उसकी कल्पना करें: अब जब आपको अपने डर की बेहतर समझ है, तो सोचकर देखें कि आप वास्तव में क्या बदलना चाहते हैं। बिना किसी डर के अपने जीवन का अनुभव लेते हुए अपनी कल्पना करें। आपको कैसा लगता है?
जो बीत गया सो बीत गया। अक्सर हम बीती हुई बातों को लेकर चिंता में पड़ जाते हैं जैसे कि अगर कुत्तों से डरते हैं तो पहले कभी कुत्तों से कोई बुरा अनुभव हुआ होगा।
प्रेरणा या मोमेंटम को हल्का न होने दें। डर का सामना करने के लिए एक निश्चित मात्रा में प्रेरणा की आवश्यकता होती है। जब आपका सामना असफलता से होता है, तो आपके मन में हार मानने का ख्याल आ सकता है। असंभव लगने वाली परिस्थितियों में भी अपने संकल्प को बनाए रखें।